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Wednesday, October 24, 2018

जानें अशोक चक्र के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी - Important Information About Ashok Chakra In Hindi


नमस्‍कार दोस्‍तो आज हम अपने पोस्‍ट अशोक चक्र तथा चक्र में स्थित 24 तीलियों के महत्‍व के बारें में जानकारी देंगे आप सब जानते ही होंगे कि अशोक चक्र को हमारे भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज में स्‍थान दिया गया है  अशोक चक्र "धर्मचक्र" का प्रतीक कहा जाता है अशोक चक्र को सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख (लॉयन कपिटल) एवं अशोक स्तम्भ से लिया गया है तो आइये दोस्‍तो जानते है अशोक चक्र के बारे में रोचक जानकारी -

अशोक चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है इसमें 24 तीलियॉ स्थित है जोकि मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती है मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग की तुलना अशोक चक्र की 24 तीलियों से की गयी है आइये अब अशोक चक्र में दी गयी सभी तीलियों का मतलब (चक्र के क्रमानुसार) जानते हैं -

  1. पहली तीली -         संयम (संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है)
  2. दूसरी तीली -         आरोग्य (निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है)
  3. तीसरी तीली -        शांति (देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह)
  4. चौथी तीली -         त्याग (देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास)
  5. पांचवीं तीली -       शील (व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा)
  6. छठवीं तीली -        सेवा (देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा)
  7. सातवीं तीली -       क्षमा (मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना)
  8. आठवीं तीली -       प्रेम (देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना)
  9. नौवीं तीली -         मैत्री (समाज में मैत्री की भावना)
  10. दसवीं तीली -      बन्धुत्व (देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना)
  11. ग्यारहवीं तीली -   संगठन (राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना)
  12. बारहवीं तीली -     कल्याण (देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना)
  13. तेरहवीं तीली -     समृद्धि (देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना)
  14. चौदहवीं तीली -    उद्योग (देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना)
  15. पंद्रहवीं तीली -     सुरक्षा (देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना)
  16. सौलहवीं तीली -   नियम (निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना)
  17. सत्रहवीं तीली -    समता (समता मूलक समाज की स्थापना करना)
  18. अठारहवी तीली -  अर्थ (धन का सदुपयोग करना)
  19. उन्नीसवीं तीली -  नीति (देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना)
  20. बीसवीं तीली -      न्याय (सभी के लिए न्याय की बात करना)
  21. इक्कीसवीं तीली -  सहकार्य (आपस में मिलजुल कार्य करना)
  22. बाईसवीं तीली -    कर्तव्य (अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना)
  23. तेईसवी तीली -     अधिकार (अधिकारों का दुरूपयोग न करना)
  24. चौबीसवीं तीली -   बुद्धिमत्ता (देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना)
अशोक चक्र में दी गयी सभी तीलियाँ देश और समाज के चहुमुखी विकास को प्रदर्शित करती हैै ये तीलियाँ सभी देशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बतातीं हैं इसके अलावा भारतवासियों को अपने रंग, रूप, जाति और धर्म को भुलाकर पूरे देश को एकता के धागे में बॉधने की शिक्षा देती है

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