बौद्ध धर्म Buddhism को दुुनियां में अड़तीस करोड़ से अधिक लोग मानते हैं और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है आइये जानते हैं बौद्ध धर्म Buddhism के बारेे में महत्वपूर्ण जानकारी –
Important information about Buddhism in Hindi – बौद्ध धर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- बौद्ध धर्म केे संस्थापक गौतम बुद्ध थे
- गौतम बुद्ध को एशिया का ज्योति पुंज भी कहा जाता है
- गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल की तराई मेंं स्थित कपिलवस्तु के समीप लुुम्विनी ग्राम में हुआ था
- इनके पिता का नाम शुद्धोधन था
- जो शाल्क क्षत्रिय कुल के राजा थे
- इनकी माता का नाम महामाया था
- इनकी माता की मृृत्यु इनके जन्म केे सातवें दिन हाेे गई थी
- इनका पालन पोषण इनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया था
- गौतम बुद्ध के वचपन का नाम सिद्धार्थ था
- गौतम बुद्ध का विवाह 16 वर्ष की आयु यशोधरा से कर दिया गया
- इनके पुत्र का नाम राहुल था
- गौतम बुद्ध ने 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग दिया था
- गौतम बुद्ध की गृह त्यागने की धटना को महाभिनिष्क्रमण कहा जाता हैै
- बुद्ध के सारथी का नाम चाण तथा घोडे का नाम कन्थक था
- गृृह त्याग ने बाद बुद्ध ने वैशाली केे आलारकलाम से सांंख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की थी
- बुद्ध ने गया जाकर एक पीपल केे वृक्ष के नीचे समाधि लगाई थी
- समाधि लगाने के आठवें दिन यानि वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध काेे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी
- जिस स्थान पर बुद्ध काेे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वह स्थान बोधगया के नाम से प्रसिद्ध है
- ज्ञान प्राप्ति केे पश्चात गया में ही महात्मा बुद्ध ने दो बंजारों तपस्तु और मल्लिक को अपना सेवक बना लिया था
- गौतम बुद्ध ने प्रथन उपदेश सारनाथ में दिया था
- जिसेे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा जाता है
- गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश जनसाधारण की भाषा पलि में दिये थे
- बुद्ध ने उपदेश कोसल, वैशाली, कौशाम्बी, एवं अन्य राज्यो में दिये थे
- गौतम बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कोसल देश की राजधानी श्रावस्ती में दियेे थे
- इनके प्रमुख अनुयायी शासक बिम्बिसार, प्रसेनजित तथा उदयन थे
- सर्वप्रथम मगध का राजा बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयायी बना था
- बौद्ध धर्म को ग्रहण करने वाली प्रथम महिला प्रजापति गौतमी थी
- भारत में पूजित पहली प्रतिमा महात्मा बुद्ध की हैै
- गौतम बुद्ध की मृत्युु 80 वर्ष की अवस्था में कुशीनगर में हो गई थी
- बुद्ध की मृत्यु के पश्चात उनके शरीर के अवशोषों को आठ भागों में बॉटकर उन पर आठ स्तूूपाें का निर्माण कराया था
- बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है
- जिसे बौद्ध ग्रंथों में महापरिनिर्वाण कहा जाता हैै
- गृहस्थ जीवन में रहकर ही बौद्ध धर्म को मानते वाले लागों को उपासक कहा जाता है
- गृहस्थ जीवन का त्याग प्रवज्या कहलाता था तथा प्रवज्या ग्रहण करने वाले को श्रामणेर कहा जाता है
- बौद्ध धर्म में तीन सम्प्रदाय हीनयान या थेरवाद, महायान और वज्रयान हैं
- हीनयान बौद्ध धर्म का प्रमुख सम्प्रदाय है
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