- कुषाण चीन के पश्चिमोत्तर प्रदेश में निवास करने वाली यू-ची जाति थी
- यू-ची कबीले ने शकों से ताहिआ क्षेत्र को जीता लिया
- 72 ई० में कनिष्क कुषाण साम्रा्ज्य का शासक बना
- कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक था
- विम कडफिसेस केे बाद कनिष्क ने राज्य सभाला था
- कनिष्क का राज्यभिषेेक 78 ई० में हुआ था
- इसनेे अपनी राजधानी पुरूषपुर को बनाया था
- इसके राज्य की दूसरी राजधानी मथुरा थी
- शक सम्वत् की शुरूअात कनिष्क ने की थी
- कनिष्क ने कश्मीर को जीतकर वहॉ कनिष्कपुर नामक नगर की स्थापना की थी
- कनिष्क बौद्ध धर्म की महायान शाखा का अनुयायी था
- कनिष्क के प्रचार के लिए कनिष्क को द्वतीय अशोक भी कहा जाता हैै
- कनिष्क दरवार के महान साहित्यकार तथा कवि अश्वघोष थे
- अश्वघोष द्वारा लिखित बुद्धचरित की तुलना वाल्मीकी रामायण से की जाती है
- कनिष्क के दरवार में महान दार्शनिक एवं वैज्ञानिक नागार्जुन थे
- नागार्जुन को भारत का आइन्सटाइन कहा जाता है
- कनिष्क के राजवैध आयुर्वेद के महापण्डित चरक थे
- चरक ने औषधि पर चरकसंहिता नामक ग्रंथ की रचना की थी
- कनिष्क के युग में ही गांधार कला, सारनाथ कला, मथुुरा कला तथा अमरावती कला का विकास हुआ था
- गांधार कला में ही सबसे पहले बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण हुआ था
- वासुदेव कुषाण वंश का अंतिम शासक था
Tuesday, October 2, 2018
कुषाण वंश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important Information About The Kushan Dynasty In Hindi
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