जल परिवहन (Water Transport) किसी भी देश का सबसे सस्ता व प्रभावी यातायात मार्ग है और सबसे बड़ी बात यह है कि जल परिवहन (Water Transport) के लिए परिवहन मार्गों की निर्माण की आवश्यकता नहीं होती है जल परिवहन (Water Transport) के लिए केवल परिवहन के साधन ही चाहिए वैसे यह व्यवस्था बहुत ही प्राचीन है तो आइए जानते हैं भारत में जल परिवहन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
भारत का भौगोलिक इलाका 328590 वर्ग किलोमीटर है भारत में कई छोटी बड़ी नदियां हैं लेकिन प्रमुख 13 नदियां का बेसिन* 20000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है भारत के समुद्री तट की लंबाई कुल 7500 किलोमीटर है तथा अंतर्देशीय जलमार्गों की कुल लंबाई 14500 किलोमीटर है नदियों की कितनी लंबाई होने के बावजूद भी भारत के कुल परिवहन में जल परिवहन का केवल 1 प्रतिशत हिस्सा ही शामिल है जबकि भारतीय रेल परिवहन और सडक परिवहन की भागीदारी 90 प्रतिशत तक हो गयी है -
*नदी बेसिन (River Basin) वह समस्त भूक्षेत्र (जलग्रहण क्षेत्र) जहाँ तक का जल किसी नदी तथा उसकी सहायक नदियों से होकर प्रवाहित होता है।
*नदी बेसिन (River Basin) वह समस्त भूक्षेत्र (जलग्रहण क्षेत्र) जहाँ तक का जल किसी नदी तथा उसकी सहायक नदियों से होकर प्रवाहित होता है।
- आन्तरिक जलमार्ग
- सामुद्रिक जलमार्ग
भारत में 1987 में केन्द्रीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना के साथ हुई थी इसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है 2015 तक देश में कुल 5 राष्ट्रीय जलमार्ग थे -
- राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या 1 - इलाहाबाद-हल्दिया खण्ड (1620 कि.मी.)
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 2 - ब्रहमपुत्र नदी का सादिया-धाबरी क्षेत्र (891 कि.मी.)
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 3 - चम्पाकरा और उद्योग मंडल नहर में साथ-साथ पश्चिमी तट नहर कोल्लम-कोट्टापुरम क्षेत्र (205 कि.मी.)
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 4 - वजीराबाद-विजयवाड़ा खंड (कृष्णा नदी) और भद्राचलम-राजामुंदरी खंड (गोदावरी नदी) के साथ-साथ काकीनाडा-पुद्दुचेरी (कालूवेली टैंक) तक (1095 कि.मी.)
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 5 - तलचर-धमरा खंड (ब्राह्मणी नदी), जियोनखली-चरबतिया खंड पूर्वी तट नहर), चरबतिया-धमरा खंड (मताई नदी) तथा मंगलगढ़ी-पारादीप खंड (महानदी डेल्टा) तक (623 कि.मी.)
नये घोषित राष्ट्रीय जल मार्गो की सूची - ये सभी राष्ट्रीय जलमार्ग 3 चरणों में बनाये जायेगें
- यमुना कावेरी कृष्णा तुंगभद्रा और बराक
- गंडक गोमती घाघरा कोसी और सोन
- मांडवी जुआरी माही नर्मदा और साबरमती
- तापी लूणी और इंदिरा गांधी नहर
- ब्यास सतलुज सिंधु और झेलम
- सुवर्णरेखा घटाप्रभा और नेत्रावती
- चंबल कर्मनासा टोंस, असी और वरूणा
- अजोय, दामोदर और सुंदरवन
भारत का कुल 95% अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री मार्ग से होता है सामुद्रिक जलमार्ग के लिये भारत का सम्पूर्ण प्रायद्वीपीय तटीय भाग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के समुद्री तट की लंबाई कुल 7500 किलोमीटर है यहां 13 बडे एवं 200 छोटे बन्दरगाह स्थित है। बंदरगाह ऐसे समुद्र तट को कहते हैं जहां पानी के जहाज और नौकाओं का यातायात संभ्ााला जाता है, इसका प्रयोग अधिकतर वाणिज्य कार्यो के लिये किया जाता है, यह अधिकतर छिछले पानी में होते हैं, बड़े बंदरगाह केंद्र सरकार और छोटे बंदरगाह राज्य सरकारों के अंतर्गत आते हैं
- विश्व की प्रमुख जलसंधि
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